10 Best short stories for kids in hindi and Moral stories for kids in Hindi

हर उम्र का व्यक्ति Kahani (short stories for kids in hindi) सुनना या पढ़ना पसंद करता है, यही कारण है कि स्टोरीज (Moral stories for kids in Hindi) का महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। कहानियां ना सिर्फ बच्चों का मनोरंजन करती है, बल्कि उन्हें लुभाती भी है और अंत में बच्चों को एक सीख (Moral Story) देकर जरूर जाती है।

बचपन से हम लोगों ने अपने बड़े बुजुर्गों, माता-पिता, नाना-नानी, दादा-दादी से बहुत सी कहानियां सुनते आये हैं। प्राचीन समय से ही कहानी सुनना और सुनाना हमारे देश की प्रथा रही है। आपने देखा होगा की अधितकतर गाँवों में जहाँ मनोरंजन के साधन नहीं है।

इन कहानियों को पढ़कर आप अपना मनोरंजन भी कर पाएंगे और जीवन में काम आने वाली शिक्षा के बारे में जान पाएंगे।

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10 Best short stories for kids in hindi and Moral stories for kids in Hindi

1. भेड़िये और सारस की कहानी ( short stories for kids )

भेड़िये और सारस की कहानी / Moral storis for kids in Hindi

एक बार की बात है जंगल में एक भेड़िया बहुत ही भूखा प्यासा भटक रहा था। बहुत देर भूखा प्यासा भटकने के बाद भेड़िये को शिकार के लिए एक जानवर दिखा और भेड़िये ने जानवर को मारकर खा लिया जब भेड़िया जानवर को खा रहा था तो भेड़िये के गले में जानवर की हड्डी फंस गई।

बहुत प्रयास करने के बाद भी भेड़िये के गले से हड्डी नहीं लगी। गली में हड्डी को लेकर परेशान होने के बाद इधर उधर घूमने लगा की कोई गले से हड्डी निकलने में मेरी मदद कर दे पर कोई भी जानवर भेड़िये की मदद करने को तैयार नहीं था।

बहुत देर तक भटकने के बाद भेड़िये को एक सारस(stork) मिला भेड़िये अपनी सारी समस्या सारस को बताई। इसके बाद सारस ने कहा की अगर मैं तुम्हारी मदद करूँ तुम मुझे क्या दोगे। जिसके बाद भेड़िये ने कहा अगर तुम मेरी मदद करते हो मैं तुम्हें इनाम दूंगा। इनाम के लालच में सारस भेड़िये की मदद को तैयार हो गया।

अब सारस ने अपनी लम्बी चोंच को भेड़िये के मुंह में डालकर गले में फंसी हड्डी को बाहर निकाल दिया। जैसे ही सारस ने गले में फंसी हड्डी को बाहर निकाला भेड़िया बहुत खुश हुआ और जाने लगा। यह देखकर सारस ने कहा की तुमने तो कहा था की मदद करने के बदले में मुझे इनाम दोगे। और तुम तो जा रहे हो यह तो गलत है।

इसके बाद भेड़िये ने सारस से कहा की तुमने मेरे मुंह में अपनी गर्दन डाली और इसके बाद तुम सही सलामत बचे हुए हो यही तुम्हारा इनाम है। यह सुनकर सारस बहुत दुखी हुआ।

कहानी की सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें स्वार्थी लोगों का साथ नहीं देना चाहिए। जीवन में हमेशा स्वार्थी लोगों से सावधान रहें।

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2. शेर और चूहे की कहानी ( Moral stories for kids in Hindi )

शेर और चूहे की कहानी / Moral storis for kids in Hindi

एक बार की बात है की एक जंगल में जंगल का राजा शेर और चूहा रहा करते थे। एक बार जब शेर गहरी नींद में सो रहा था तब एक चूहा बिल से निकलकर शेर के ऊपर उछल कूद करने लगा। चूहे के इस तरह उछल कूद करने से शेर की नींद खुल गई और शेर ने चूहे को पकड़ लिया।

शेर द्वारा चूहे के पकड़े जाने के बाद चूहा बहुत ही ज्यादा डर गया। चूहे को डरा देखकर शेर ने कहा की तुमने मेरी नींद ख़राब की है अब मैं तुम्हें खाकर अपनी भूख मिटाऊंगा। अपने को असहाय देखकर चूहे ने कहा की हे जंगल के राजा मुझ छोटे से प्राणी को खाने से आपकी भूख नहीं मिटेगी आप मुझे मत खाइये।

हे शेर राजा मैं विनती करता हूँ की आप मुझे छोड़ दो यदि कभी आपके ऊपर कभी कोई मुसीबत आती है तो मैं आपकी मदद कर सकता हूँ। यह सुनकर शेर हंसने लगा। तुम तो बहुत छोटे हो तुम क्या मेरी मदद करोगे। तुम्हारे विनती करने पर चलो आज तो मैं तुम्हें छोड़ देता हूँ लेकिन अगली बार ऐसा करने पर मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा। यह कहकर शेर ने चूहे को छोड़ दिया।

कुछ दिन के बाद जब शेर खाने की तलाश में जंगल में भटक रहा था तो तभी शेर एक शिकारी द्वारा फैलाये गए जाल में फंस गया। शेर अपने आप को छुड़ाने के लिए बहुत प्रयास करने लगा। लेकिन अपने आप नहीं छुड़ा पाया। इसके कुछ देर बाद शेर जोर-जोर से दहाड़ मारने लगा। शेर की दहाड़ सुनकर चूहा वहां आ गया। जैसे ही चूहे ने शेर को जाल में फंसा हुआ देखा चूहा तुरंत ही शेर के पास पहुँच गया।

जब चूहे ने शेर को जाल में फंसा देखा तो चूहे ने फटाफट अपने तेज दांतों से जाल को काटना शुरू कर दिया। कुछ देर के बाद चूहे ने पूरा जाल काट दिया। जाल काटने के बाद शेर आजाद हो गया। चूहे की इस मदद से शेर बहुत ही भावुक हो गया। शेर ने चूहे को धन्यवाद दिया और दोनों उस दिन के बाद से अच्छे दोस्त बन गए।

कहानी की सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती सिर्फ शरीर के आधार पर किसी को छोटा या बड़ा नहीं समझना चाहिए।

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3. लालची कुत्ता : (Short stories For Kids In Hindi)

लालची कुत्ता / Moral storis for kids in Hindi

एक बार की बात है एक कुत्ते को बहुत तेज भूख लगी थी। वह खाने की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था और अचानक उसे एक रोटी दिखी। कुत्ता रोटी को देखकर बहुत उत्साहित हो गया। वो रोटी की तरफ गया और उसे अपने मुंह में दबाकर नदी के किनारे ले गया।

नदी पार करते हुए कुत्ते को पानी में अपनी परछाई दिखी और उसे लगा कि, ये किसी और कुत्ते की परछाई है जो उसकी रोटी छीनना चाहता है। उसने सोचा कि वह भोंककर दूसरे कुत्ते को डरा देगा और जैसे ही उसने भोंकना शुरू किया उसकी रोटी उसके मुंह से निकलकर नदी में बह गई जिसके बाद वो भूखा ही रह गया।

कहानी की सीख: हमें हमेशा समझदारी से काम लेना चाहिए।

4. प्यासा कौआ : (Story For Kids In Hindi)

प्यासा कौआ / short stories for kids in hindi

एक बार की बात है, गर्मी का महीना था। एक कौए को बहुत तेज़ प्यास लगी थी। वह पानी की तलाश में इधर-उधर उड़ने लगा, पर उसे कही भी पानी ना मिला। तेज़ गर्मी के कारण उसकी प्यास ओर बढ़ती जा रही थी। कौए ने जीने की उम्मीद छोड़ दी थी।

लेकिन उसने हार नहीं मानी, वह पानी की तलाश करने फिर चला गया, अचानक उसे एक पानी से भरा घड़ा दिखाई दिया। वह उस घड़े को देखकर बहुत खुश हो गया और तुरंत उड़कर घड़े के पास गया।

घड़े में पानी इतना कम था कि, उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुँच सकी। यह देखकर वो परेशान हो गया। उसने हर तरीके से पानी पीने की कोशिश करी पर वो सफल ना हो पाया

वह निराश होकर जैसे ही वहाँ से जाने लगा तो उसकी नज़र अचानक कंकर पर पड़ी। (short stories for kids in hindi)

वह एक-एक कंकर अपनी चोंच से उठाकर पानी में डालने लगा। धीरे-धीरे पानी ऊपर आ गया और कौए ने जी भर कर पानी पिया और वहाँ से उड़ गया।

कहानी की सीख: जब हमारे अंदर किसी चीज़ को पाने की इच्छा होती है तो हम वो चीज़ अवश्य हासिल कर पाते है।

5. सोने का अंडा देने वाले हंस की कहानी : (Short Stories In Hindi For Kids)

सोने का अंडा देने वाले हंस की कहानी / short stories for kids in hindi

एक गाँव में एक हंस पालन करने वाला अपनी पत्नि के साथ रहता था। वह हर रोज बाजार में जाकर हंस खरीदता और घर आकर उनकी देखभाल करता था। हर दिन की तरह वो बाजार से एक हंस खरीद कर लाया। वो सबकी तरह उसे भी बहुत प्यार से पालने लगा और धीरे-धीरे वो हंस तंदुरुस्त बन गया। कुछ महीने बाद उस हंस ने अंडा दिया, जिसको देखने के बाद व्यापारी और उसकी पत्नी दोनों ही हैरान रह गए। वह अंडा सोने का था। (short stories for kids in hindi)

वह हंस हमेशा सोने का अंडा देता और पति-पत्नी उसे बेचकर पैसे कमाते। सोने के अंडे को देखकर उनके मन में लालच बढ़ने लगा और व्यापारी ने सोचा कि, अगर ये हर रोज एक सोने का अंडा देता है तो उसके अंदर और कितने अंडे होंगे। ये सोचकर उन्हें एक तरकीब आई और उन्होंने हंस को मार डाला और जब उसका पेट चीर कर देखा तो उस में एक भी अंडा नहीं था जिसके बाद वो बहुत रोए।

कहानी की सीख: लालच बुरी बला है।

6. झूठा दोस्त (Short Moral Story In Hindi)

झूठा दोस्त / short stories for kids in hindi

एक बार कि बात हैं, हिरण और कौआ बहुत अच्छे दोस्त थे। वे दोनों हर दुख-सुख में एक दूसरे का साथ दिया करते थे। एक दिन कौए ने हिरण को सियार के साथ देख लिया। कौए ने हिरण को समझाया कि सियार बहुत चालाक जानवर है, वो हर किसी को अपने जाल में फंसा लेता है इसलिए उसका साथ छोड़ दे। हिरण ने कौए की सलाह पर ध्यान नहीं दिया और सियार के साथ खेत में चला गया। हिरण वहाँ लगे जाल में फंस गया। (short stories for kids in hindi)

सियार उससे कहने लगा “मैं तो किसान को बुलाने जा रहा हूं, वह आएगा और तुम्हें मार डालेगा”। हिरन चिल्लाने लगा, तभी वहां कौआ आया और उसने हिरन से कहा तुम ऐसे लेट जाओ जैसे की तुम मर गए हो। हिरन ने आपने दोस्त की बात मानी और वैसे ही करा।

थोड़ी देर बाद वहाँ किसान आया और उसने देखा कि हिरन तो मर गया, ये देखकर वो बहुत खुश हुआ। किसान ने जल्दी से जाल खोला और जाल खुलते ही हिरन वहाँ से भाग निकला। ये देखकर किसान बहुत गुस्सा हुआ और सियार को खूब मारा और उसे वहाँ से भगा दिया।

कहानी की सीख: किसी पर कभी भी आसानी से भरोसा नहीं करना चाहिए।

7. बुद्धिमान साधू (Moral stories for kids in Hindi)

बुद्धिमान साधू / short stories for kids in hindi

एक बड़ा सा राजमहल था, जिसके द्वार पर एक साधु आया और वो साधु द्वारपाल से आकर कहने लगा कि अंदर जाकर राजा से कहो कि उनका भाई उनसे मिलने आया है। द्वारपाल सोचने लग गया कि ये साधु के भेस में राजा से कौन मिलने आया है जो राजा को अपना भाई बता रहा है। फिर द्वारपाल ने समझा कि क्या पता कोई दूर का रिश्तेदार हो जिसने सन्यास ले लिया हो। द्वारपाल ने अंदर जाकर सूचना दी जिसके बाद राजा मुस्कुराने लगे और उन्होंने कहा कि साधु को अंदर भेज दो। (short stories for kids in hindi)

साधु ने पूछा, “ कैसे हो भैया

राजा ने जवाब दिया, “ मैं ठीक हूँ, तुम बताओ, तुम कैसे हो?

साधु ने राजा को कहा कि, “ मैं जिस महल में रहता हूँ वो बहुत ही ज्यादा पुराना हो गया है। कभी भी टूटकर गिर सकता है। यहाँ तक की मेरे 32 नौकर थे वो भी एक-एक करके चले गए। ये सब सुनकर राजा ने साधु को 10 सोने के सिक्के देने का आदेश दिया। पर साधु ने कहा 10 सोने के सिक्के तो कम है। ये सुनकर राजा ने कहा कि अभी तो इतना ही है तुम इससे काम चलाओ इसके बाद साधु वहाँ से चला गया।

साधु को देखकर मंत्रियो के मन में भी कई सवाल उठ रहे थे, उन्होंने राजा से कहा कि जितना हमे पता है आपका तो कोई भाई नहीं है तो अपने उस साधु को इतना बड़ा इनाम क्यों दिया? राजा ने जवाब देते हुए कहा, “देखो भाग्य के दो पहलू होते है- राजा और रंक, इस नाते उसने मुझे भाई बोला।

राजा ने समझते हुए कहा कि जर्जर महल से उसका मतलब उसका बूढ़ा शरीर था, 32 नौकर से उसका मतलब 32 दाँत थे। समंदर के बहाने उसने मुझे उलाझना दिया कि राजमहल में उसके पैर रखते ही मेरा राजकोष सुख गया, क्योंकि मैं मात्र उसे दस सोने के सिक्के दे रहा था जबकि मेरी हैसियत उसे सोने से तोल देने की है। इसलिए राजा ने ऐलान किया कि मैं उसे अपना सलाहकार नियुक्त करुँगा।

कहानी की सीख: किसी व्यक्ति के बाहरी रंग रूप से उसकी बुद्धिमत्ता का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।

8. गरीब लकड़हारा (short stories for kids in hindi)

गरीब लकड़हारा / short stories for kids in hindi

एक बार की बात है, एक गरीब लकड़हारा अपने सात बच्चों के साथ रहता था। वह इतना गरीब था कि अपने बच्चों को ठीक से खाना भी नहीं दे पाता था। इसी को देखते हुए उसने अपने बच्चों को जंगल में छोड़ने का फैसला किया।

लकड़हारा के छोटे बच्चे ने उसकी ये बात सुन ली। उसने बहुत सारे सफ़ेद पत्थर अपनी जेब में भर लिए। अगले दिन जब वे जंगल में जा रहे थे तो वह रास्ते में पत्थर गिराता रहा। उनके पिता जंगल में बच्चों को छोड़कर वापिस चले गए। (short stories for kids in hindi)

छोटा बच्चा उन पथरो की मदद से अपने भाई-बहनों को घर ले आया। अगली बार वह बच्चा पत्थर नहीं बटोर पाया इसलिए उसने रास्ते में रोटी के टुकड़े फांके जिन्हे चिड़िया और जानवर खा गए। बच्चे इस बार घर का रास्ता नहीं ढूंढ पाए और वे रोने लगे।

वही घर में जब बच्चों के पिता को अपनी गलती का अहसास हुआ, तो वह जंगल में अपने बच्चों को ढूंढ़ने निकल गए। अपने पिता को सामने देखकर बच्चे भाग कर उनके पास गए। पिता ने उनसे वादा किया कि आगे से वह ऐसा कभी नहीं करेंगे। बच्चे ख़ुशी-ख़ुशी अपने पिता के साथ घर की ओर चल पड़े।

9. घमंडी बारहसिंगा : (Moral Stories In Hindi)

घमंडी बारहसिंगा (short stories for kids in hindi)

एक समय की बात है। एक घने जंगल में एक बारहसिंगा रहता था। वह बड़ा घमंडी था। एक बार वह तालाब में पानी पी रहा था और पानी पीते हुए उसने अपनी परछाई देखी। वो अपने सुन्दर सींगो को देखकर बहुत खुश हुआ, पर अपनी पतली टाँगो को देखकर बहुत दुखी हुआ और वो भगवान को कोसने लगा। (short stories for kids in hindi)

एक बार कुछ शिकारी कुत्ते जंगल में आ गए और वो बारहसिंगा के पीछे पड़ गए। ये देखकर वो घबराकर दूर भाग गया। उसकी पतली टाँगे ही उसकी भागने में सहायता कर रही थी। भागते-भागते अचानक उसके सींग टहनियों के बीच फँस गए।

उसने अपने सींगों को बाहर निकालने की बहुत कोशिश की, पर वह अपने सींगों को बाहर ना निकाल पाया। जिसके बाद उन शिकारी कुत्तों ने उसे घायल कर दिया और वो मरने की हालत में हो गया था। मरते समय वह सोचता रहा, “इन सुंदर सींगों ने मुझे मरवाया है और मेरी पतली टाँगे मुझे बचा सकती थी।

कहानी की सीख: कोई भी चीज़ अपने गुणों के कारण सुंदर होती है।

10. बुद्धिमान वानर की कहानी (short stories for kids in hindi)

बुद्धिमान वानर की कहानी (short stories for kids in hindi)

हज़ारों साल पहले किसी वन में एक बुद्धिमान बंदर रहता था। वह हज़ार बंदरों का राजा भी था।

एक दिन वह और उसके साथी वन में कूदते-फाँदते ऐसी जगह पर पहुँचे जिसके निकट क्षेत्र में कहीं भी पानी नहीं था। नयी जगह और नये परिवेश में प्यास से व्याकुल नन्हे वानरों के बच्चे और उनकी माताओं को तड़पते देख उसने अपने अनुचरों को तत्काल ही पानी के किसी स्रोत को ढूंढने की आज्ञा दी। (short stories for kids in hindi)

कुछ ही समय के बाद उन लोगों ने एक जलाशय ढूंढ निकाला। प्यासे बंदरों की जलाशय में कूद कर अपनी प्यास बुझाने की आतुरता को देख कर वानरराज ने उन्हें रुकने की चेतावनी दी, क्योंकि वे उस नये स्थान से अनभिज्ञ था। अत: उसने अपने अनुचरों के साथ जलाशय और उसके तटों का सूक्ष्म निरीक्षण व परीक्षण किया। कुछ ही समय बाद उसने कुछ ऐसे पदचिह्मों को देखा जो जलाशय को उन्मुख तो थे मगर जलाशय से बाहर को नहीं लौटे थे।

बुद्धिमान् वानर ने तत्काल ही यह निष्कर्ष निकाला कि उस जलाशय में निश्चय ही किसी खतरनाक दैत्य जैसे प्राणी का वास था। जलाशय में दैत्य-वास की सूचना पाकर सारे ही बंदर हताश हो गये। तब बुद्धिमान वानर ने उनकी हिम्मत बंधाते हुए यह कहा कि वे दैत्य के जलाशय से फिर भी अपनी प्यास बुझा सकते हैं क्योंकि जलाशय के चारों ओर बेंत के जंगल थे जिन्हें तोड़कर वे उनकी नली से सुड़क-सुड़क कर पानी पी सकते थे। सारे बंदरों ने ऐसा ही किया और अपनी प्यास बुझा ली।

जलाशय में रहता दैत्य उन्हें देखता रहा मगर क्योंकि उसकी शक्ति जलाशय तक ही सीमित थी, वह उन बंदरों का कुछ भी नहीं बिगाड़ सका । प्यास बुझा कर सारे बंदर फिर से अपने वन को लौट गये। (short stories for kids in hindi)

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