5 Best Kids Moral story in Hindi | बच्चों के लिए शिक्षा कहानियां | Baccho ki kahani in hindi

Baccho ki kahaniya | kids moral story in hindi | Baccho ki kahani | Baccho ki kahani in hindi | बच्चों के लिए कहानियां | बच्चों के लिए कहानियां | बच्चों के लिए कहानियां

1. लालची व्यक्ति

लालची व्यक्ति - Kids Moral story in Hindi

घी के दो व्यापारियों की दुकानें एक-दूसरे के बराबर में थीं। एक दिन उनमें से एक ने दूसरे से 500 स्वर्ण मोहरें उधार लेने की सोची और अपना कर्ज बिना किसी परेशानी के चुकाने को कहा। लेकिन जब कर्ज वापिस करने का समय आया तो उसने ऐसा करने से मना कर दिया। उसने यह भी स्वीकार करने से मना कर दिया कि उसने उससे रुपये उधार लिए हैं।

वह व्यापारी जिसने धन उधार दिया था वह न्याय के लिए बादशाह के पास गया। बीरबल को हमेशा की तरह न्याय करने को कहा। बीरबल ने दोनों को बुलवाया और दोनों की कहानी सुनी।

बीरबल ने दोनों से दस दिन का समय मांगा और दोनों व्यापारियों को घर भेज दिया। समस्या पर गहन विचार के बाद बीरबल ने तेल के 10 टिन मंगवाए। हर टिन में ।10 किलो तेल था और उनमें से दो में बीरबल ने सोने के सिक्के डाल दिए। तब उसने 10 टिन अलग-अलग 10 व्यापारियों को दिए और उनकी कीमत पता करने को कहा। उन्हें वे टिन घर ले जाने और तीन दिन बाद वापिस आने को कहा। बीरबल ने सोने के सिक्‍के वाले दोनों बर्तन घी व्यापारियों को दे दिये।

वह व्यापारी जिसने धन उधार दिया था वह ईमानदार था और उसने सोने का सिक्का लौटा दिया। लेकिन उसके बेईमान पड़ोसी को सिक्का मिला तो उसने उसे अपने बेटे को दे दिया। निश्चित दिन पर सभी 10 व्यापारी तेल लेकर बीरबल के पास आये और उन्हें मूल्य के बारे में बताया।

बीरबल ने उस व्यापारी के टिन को ध्यान से देखा जो अपना कर्ज नहीं चुकाना चाहता था और यह भी देखा कि सिक्का गायब होने के साथ उसमें से कुछ तेल भी कम था। जब बीरबल ने इस बारे में पूछा, तो व्यापारी ने जवाब दिया कि जब मैंने इसे परखने के लिए गरम किया होगा यह तब कम हो गया होगा।

बीरबल बोले, “अच्छा यह बात है, चलो मैं देखता हूं। मैं अभी वापिस आता हूं। ऐसा कहकर, वह अन्दर गया और अपने एक नौकर को उस व्यापारी के घर जाकर उसके पुत्र से सिक्का लाने को कहा।

बहुत जल्द वह लड़का सोने के सिक्के के साथ दरबार में आ गया और तुरन्त उससे बीरबल ने पूछा, “क्या तुम वे पांचों सिक्के लेकर आये हो जो तुम्हारे पिता को तेल में मिले थे?” तभी उत्तर आया, “मालिक, तेल में केवल एक सिक्‍का था, पांच नहीं।’

बीरबल ने तब व्यापारी से कहा, “जब तुम एक सिक्‍के के लिए बेइमानी कर सकते हो जो मैंने तेल के डिब्बे में डाला था व इसके साथ तुमने उसमें से कुछ तेल भी निकाल लिया और गरम करने के कारण तेल कम होने का बहाना बना दिया तब तुम 500 सोने के सिक्‍कों के लिए सच क्यों बोलोगे जो तुमने पड़ोसी से उधार लिए थे। अब तुम्हारे पास कहने को क्या हे ?

अब व्यापारी को बचाव का कोई तरीका नजर नहीं आया तो उसने सभी तेल व्यापारियों के सामने अपनी गलती मान ली।

इस कहानी से मिलने वाली शिक्षा :- सच कभी भी परदे के पीछे नहीं रह सकता। बेइमानी देर सवेर सामने आ ही जाती है। इज्जत एक बार जाने के बाद दोबारा पाना मुश्किल हो जाता है।

Read More : 10 Short moral stories

2. मेहनत का फल

मेहनत का फल - Kids Moral story in Hindi

एक टिटहरी थी। उसके अंडे एक बार समुद्र बहा कर ले गया। टिटहरी को बहुत दुःख हुआ। उसने सोचा की में समुद्र में से अपने अंडे ज़रूर निकाल कर लाऊंगी। ऐसा सोचकर टिटहरी अपनी चोंच में मिटटी भरती और समुद्र में डाल देती। उसके इस कार्य को महर्षि अगस्त्य देख रहे थे उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ।

महर्षि ने टिटहरी से इसका कारण पूछा। टिटहरी ने बताया – ” महाराज मेरे अंडे समुद्र बहा कर ले गया है अब में इस समुद्र को मिटटी से भर दूंगी और अपने अंडे निकल लाऊंगी। महर्षि को इस छोटे से पक्षी के प्रयास को देखकर बहुत प्रशन्नता हुई और उन्होंने उसकी सहायता करने का निर्णय लिया। महर्षि अगस्त्य ने 3 अंजली में सारे समुद्र का पानी पी लिया। और टिटहरी के अंडे मिल गए।

अपने ध्यान को केन्द्रित कर कड़ी मेहनत करना ही सफलता प्राप्त करने की असली चाभी है।

Read More: Baccho ki kahaniya

3. छोटी चीज का काम बड़ा

एक हाथी गहरी नींद में सो रहा था। वह जोर-जोर से खर्राटे ले रहा था। खर्राटों की आवाज सुनकर पास के बिल से एक चूहा बाहर आया। उसने देखा कि सामने पहाड़ जैसा हाथी सो रहा था। खर्राटे के कारण उसका बड़ा-सा पेट ऊपर-नीचे हो रहा था।

चूहे को यह देखकर बड़ा मजा आया। वह धीरे से उसकी सूँड़ से चढ़कर पेट तक पहुँच गया। हाथी के पेट पर बैठकर वह झूलने लगा। ऊपर-नीचे, ऊपर नीचे, बड़ा मजा आ रहा था। तभी हाथी की नींद खुली। एक छोटे-से चूहे को अपने पेट पर आराम से बैठ देखकर उसे बहुत गुस्सा आया।

उसने अपने पेट को जोर से हिलाया चूहा नीचे गिर गया। हाथी बोला -बेवकूफ चूहे, तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे पेट पर चढ़ने की ? चूहा घबरा गया। माफी माँगले लगा। हाथी से बोला, दादा मुझे माफ कर दो। ऐसी गलती कभी नहीं होगी। हाथी को उस पर दया आ गई। उसने चूहे को जाने दिया। जाते समय चूहे ने कहा, दादा, कभी मेरी जरूरत हो तो बताना।

आप बहुत अच्छे हैं तभी आपने मुझे छोड़ दिया। मैं भी आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहूँगा। अच्छा, नमस्ते। चूहे की बात सुनकर हाथी जोर-से हँसने लगा। चूहा चुपचाप वहाँ से चला गया। कुछ दिनों बाद एक शिकारी जंगल में आया। चूहे ने उसे देख लिया था। उसके पास बहुत सारा सामान था। लगता है कई दिन रुकने वाला है जंगल में। चूहे ने सोचा।

अगले दिन सुबह जोर की आवाज सुनकर चूहे की नींद खुली। यह को किसी हाथी की आवाज लगती है। उसने सोचा। जब कई बार ‘बचाओ-बचाओ’ की आवाजें आई तो चूहा वाहन पहुँचा। सामने देखा तो वही हाथी दादा खड़े थे। एक बड़ा-सा जाल उनके ऊपर पड़ा था, जिससे वे बाहर नहीं निकल पा रहे थे।

चूहे ने दादा को नमस्ते की। फिर वह अपने तेज दाँतों से जाल काटने लगा। वह बहुत तेजी से काम कर रहा था। थोड़ी ही देर में जाल में एक बड़ा-सा छेड़ हो गया। हाथी उससे बाहर आ गया। अब उसे समझ आया कि छोटी चीज भी कभी-कभी बड़ा काम कर जाती है।

4. आम का पेड़

आम का पेड़ - Baccho ki kahani in hindi

हुजूर और शामू बीरबल के पास न्याय मांगने आये। दोनों एक आम के पेड़ को लेकर झगड़ रहे थे।दोनों से पूछताछ करने के बाद बीरबल ने उन्हें घर भेज दिया और अगले दिन वापिस आने को कहा। इसी बीच बीरबल ने दरबार के एक सैनिक को उन दोनों तक यह खबर पहुंचाने को कहा कि पेड़ से आम चोर चुरा रहे हैं। फिर उन दोनों की प्रतिक्रिया बताने को कहा।

थोड़ी देर बाद सैनिक ने आकर बताया कि हुजूर बोला मैं इस वक्त जरूरी काम में व्यस्त हूं बाद में देखूगा, जबकि शामू चोरों को भगाने के लिए आम के पेड़ की तरफ भागा। जब अगले दिन दोनों वापिस आये तो बीरबल ने कहा, “अब तुम दोनों तो बताने को तैयार नहीं कि पेड़ किसका है। इसलिए मैं पेड़ को काटकर दोनों को आधी-आधी लकड़ी बांट दूंगा।

हुजूर तो इस निर्णय पर राजी हो गया लेकिन शामू बोला “मैंने इस पेड़ को बचपन से पाला है। मुझे इसे खोने पर दुख नहीं होगा, लेकिन मैं इसे कटते हुए नहीं देख सकता। बीरबल ने कहा, “शामू ही पेड़ का असली मालिक है और हुजूर को उसके झूठ की सजा दी गयी।

शिक्षा : प्यार को आसानी से जुदा नहीं किया जा सकता और जब सच्चा प्यार और एहसास गवाह होते हैं तो हमें यकीन होता है कि ये भावनाएं झूठी नहीं हैं।

5. झूठा दोस्त

झूठा दोस्त - Baccho ki kahani in hindi

एक हिरन और एक कौआ पक्के दोस्त थे। एक दिन कौए ने हिरण को एक सियार के साथ देखा। सियार बहुत चालाक जानवर माना जाता है। कौए ने अपने दोस्त हिरन को समझाया कि सियार पर भरोसा नहीं करना चाहिए। हिरन ने कौए की सलाह पर ध्यान नहीं दिया और सियार के साथ खेत में चला गया।

हिरन वहाँ लगे जाल में फँस गया। सियार उससे कहने लगा , मैं तो किसान को बुलाने जा रहा हूँ। वह आएगा और तुम्हें मार डालेगा। मुझे भी वह तुम्हारे गोश्त का हिस्सा देगा। हिरन चिल्लाने लगा। कौए ने अपने दोस्त के चिल्लाने की आवाज सुनी तो तुरंत उसकी सहायता के लिए आ गया। उसने हिरन से कहा कि वह ऐसे लेट जाए, जैसे वह सचमुच मर गया हो।

थोड़ी ही देर में, सियार की आवाज सुनकर किसान वहाँ आ पहुँचा। उसने देखा कि जाल में हिरन तो मरा पड़ा है। उसने जाल खोल दिया। जाल खुलते ही हिरन को मौका मिल गया और वह तुरंत उछलकर वहां से भाग। गुस्साए किसान ने सियार की पिटाई कर दी और उसे वहां से भगा दिया।

Baccho ki kahaniya | Baccho ki kahani | Bachon ki kahani in hindi | बच्चों के लिए कहानियां | बच्चों के लिए कहानियां | बच्चों के लिए कहानियां | wordpress

2 thoughts on “5 Best Kids Moral story in Hindi | बच्चों के लिए शिक्षा कहानियां | Baccho ki kahani in hindi”

Leave a comment