6 Best Bedtime Stories for Kids in Hindi | बेडटाइम स्टोरीज़ हिंदी

यहां हम आपको बच्चो की बेडटाइम ( Bedtime Stories for Kids in hindi ) की बेस्ट कहानिया बता रहे है जो आप अपने बच्चो को सोने से पहले सुना सकते है.

बच्चो को कहानिया बहुत पसंद आती है और ऐसे सुनते सुनते नींद भी जल्दी आ जाती है. यह पै हम आपको कुछ बेस्ट कहानिया बता रहे है.

All best bedtime stories for kids in hindi

1. सोने का अंडा देने वाली मुर्गी की कहानी ( Bedtime stories )

    एक गाँव में एक किसान अपनी पत्नि के साथ रहता था. उनका एक छोटा सा खेत था, जहाँ वे दिन भर परिश्रम किया करते थे. किंतु कठोर परिश्रम के उपरांत भी कृषि से प्राप्त आमदनी उनके जीवन-यापन हेतु पर्याप्त नहीं थी और वे निर्धनता का जीवन व्यतीत करने हेतु विवश थे.

    एक दिन किसान बाज़ार से कुछ मुर्गियाँ ख़रीद लाया. वह मुर्गियों के अंडे बेच कर पैसे कमाना चाहता था. अपनी पत्नि के साथ मिलकर उसने घर के आंगन में एक छोटा सा दड़बा बनाया और मुर्गियों को उसमें रख दिया.

    सुबह होने पर जब उन्होंने दड़बे में झांककर देखा, तो आश्चर्यचकित रह गए. वहाँ एक सोने का अंडा पड़ा हुआ था. किसान सोने के अंडे को  बेचकर अच्छे पैसे मिल गए.

    अगले दिन फिर उन्हें सोने का अंडा मिला. किसान और उसकी पत्नि समझ गए कि उनकी मुर्गियों में से एक मुर्गी सोने का अंडा देती है. एक रात पहरेदारी कर वे सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को पहचान गए. उसके बाद से वे उसका ख़ास ख्याल रखने लगे. वह मुर्गी उन्हें रोज़ सोने का अंडा देती, जिसे बेचकर किसान कुछ ही महिनों में धनवान हो गया.

    किसान अपने जीवन से संतुष्ट था. किंतु उसकी पत्नि लालची थी. एक दिन वह किसान से बोली, “आखिर कब तक हम रोज़ एक ही सोने का अंडा लेते रहेंगे. क्यों न हम मुर्गी के पेट से एक साथ सारे अंडे निकाल लें? फिर हम उन्हें बेचकर एक बार में इतने धनवान हो जायेंगे कि हमें काम करने की ज़रूरत ही नहीं रहेगी.”

    पत्नि की बात सुनकर किसान के मन में भी लालच आ गया. वह बाज़ार गया और वहाँ से एक बड़ा चाकू ख़रीद लाया.

    रात में अपनी पत्नि के साथ वह मुर्गियों के दड़बे में गया और सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को पकड़कर उसका पेट चीर दिया. किंतु मुर्गी  के पेट में सोने के अंडे नहीं थे. किसान और उसकी पत्नि अपनी गलती पर पछताने लगे. अधिक सोने के अंडों के लालच में पड़कर वे रोज़ मिलने वाले एक सोने के अंडे से भी हाथ धो बैठे थे.

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    Moral of the story : लालच बुरी बला है.

    2. बीरबल की चतुराई ( bedtime stories for kids )

    एक बार की बात है राजा अकबर सो कर उठे थे। उन्हें बहुत तेज प्यास लगी थी। जिसके कारण उन्हें अपने सेवकों को पानी के लिए आवाज लगाई लेकिन कोई भी सेवक उनके आसपास नहीं था। एक साफ सफाई करने वाला व्यक्ति राजा अकबर की आवाज सुनकर पानी लेकर आया।

    राजा को बहुत प्यास लगी थी इसलिए राजा ने उस सफाई करने वाले व्यक्ति के हाथ से पानी  लेकर पी लिया। दोपहर के समय राजा बहुत बीमार हो गए। उनको देखने के लिए राज वैद्य और राज पंडित भी आए।

    राज वैद्य की दवाई लेने के बावजूद भी राजा ठीक नहीं हुए तो राज पंडित ने राजा को कहा कि आप पर किसी मनहूस व्यक्ति का परछावा पड़ गया है। राजा को यह बात सुनकर ध्यान आया कि उन्होंने सुबह सफाई करने वाले व्यक्ति के हाथों से पानी लेकर पी लिया था।

    उन्होंने सोचा यह जरूर उसी का परिणाम है।   राजा ने उस व्यक्ति को बंदी बनाकर मृत्युदंड की सजा देने को कहा। जब बीरबल को राजा के स्वास्थ्य के बारे में पता लगा तो वह भी उनका हालचाल जानने के लिए अकबर के पास गए।

    वहां जाकर बीरबल को सारी बात का पता लगा कि राजा ने सफाई करने वाले व्यक्ति को मनहूस कहकर मृत्यु दंड की सजा दी है। बीरबल कारावास में उसी व्यक्ति से मिलने गए और उस व्यक्ति को सांत्वना दी।

    बीरबल इसके बाद अकबर के पास दोबारा गए और राजा अकबर से कहां की मैं आपको इस राज्य में सबसे मनहूस व्यक्ति के बारे में बताऊंगा जो उस सफाई करने वाले व्यक्ति से भी मनहूस है तो आप सफाई करने वाले व्यक्ति को छोड़ देंगे।

    राजा ने इसके लिए हामी भरी। बीरबल ने कहा कि राजा आप स्वयं उस व्यक्ति से ज्यादा मनहूस है क्योंकि उस व्यक्ति के हाथ से पानी लेकर पिने से यदि आप बीमार पड़  गए तो उस व्यक्ति को तो सुबह-सुबह आपसे मिलने से मृत्युदंड की सजा मिल गयी।

    इससे उस व्यक्ति के लिए आप ज्यादा मनहूस हुए। बीरबल ने हॅसते हुए कहा की लेकिन आप अपने आप को मृत्युदंड की सजा मत देना। यह कहकर बीरबल हंसने लगा। अब अकबर को भी अपनी गलती का एहसास हो गया था उन्होंने उस सफाई करने वाले व्यक्ति को छोड़ने का हुकुम दिया। इस तरह बीरबल की चतुराई के कारण उस व्यक्ति की जान बच गई।

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    Moral of the story: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हम अपनी सूझ बूझ से किसी भी मुसीबत का हल निकाल सकते है।

    3. शेर और चूहे की कहानी

    एक बार की बात है की एक जंगल में जंगल का राजा शेर और चूहा रहा करते थे। एक बार जब शेर गहरी नींद में सो रहा था तब एक चूहा बिल से निकलकर शेर के ऊपर उछल कूद करने लगा। चूहे के इस तरह उछल कूद करने से शेर की नींद खुल गई और शेर ने चूहे को पकड़ लिया। (bedtime stories for kids)

    शेर द्वारा चूहे के पकड़े जाने के बाद चूहा बहुत ही ज्यादा डर गया। चूहे को डरा देखकर शेर ने कहा की तुमने मेरी नींद ख़राब की है अब मैं तुम्हें खाकर अपनी भूख मिटाऊंगा। अपने को असहाय देखकर चूहे ने कहा की हे जंगल के राजा मुझ छोटे से प्राणी को खाने से आपकी भूख नहीं मिटेगी आप मुझे मत खाइये।

    हे शेर राजा मैं विनती करता हूँ की आप मुझे छोड़ दो यदि कभी आपके ऊपर कभी कोई मुसीबत आती है तो मैं आपकी मदद कर सकता हूँ। यह सुनकर शेर हंसने लगा। तुम तो बहुत छोटे हो तुम क्या मेरी मदद करोगे। तुम्हारे विनती करने पर चलो आज तो मैं तुम्हें छोड़ देता हूँ लेकिन अगली बार ऐसा करने पर मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा। यह कहकर शेर ने चूहे को छोड़ दिया।

    कुछ दिन के बाद जब शेर खाने की तलाश में जंगल में भटक रहा था तो तभी शेर एक शिकारी द्वारा फैलाये गए जाल में फंस गया। शेर अपने आप को छुड़ाने के लिए बहुत प्रयास करने लगा। लेकिन अपने आप नहीं छुड़ा पाया। इसके कुछ देर बाद शेर जोर-जोर से दहाड़ मारने लगा। शेर की दहाड़ सुनकर चूहा वहां आ गया। जैसे ही चूहे ने शेर को जाल में फंसा हुआ देखा चूहा तुरंत ही शेर के पास पहुँच गया।

    जब चूहे ने शेर को जाल में फंसा देखा तो चूहे ने फटाफट अपने तेज दांतों से जाल को काटना शुरू कर दिया। कुछ देर के बाद चूहे ने पूरा जाल काट दिया। जाल काटने के बाद शेर आजाद हो गया। चूहे की इस मदद से शेर बहुत ही भावुक हो गया। शेर ने चूहे को धन्यवाद दिया और दोनों उस दिन के बाद से अच्छे दोस्त बन गए।

    Moral of the story: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती सिर्फ शरीर के आधार पर किसी को छोटा या बड़ा नहीं समझना चाहिए।

    4. झूठा दोस्त

    एक बार कि बात हैं, हिरण और कौआ बहुत अच्छे दोस्त थे। वे दोनों हर दुख-सुख में एक दूसरे का साथ दिया करते थे। एक दिन कौए ने हिरण को सियार के साथ देख लिया। कौए ने हिरण को समझाया कि सियार बहुत चालाक जानवर है, वो हर किसी को अपने जाल में फंसा लेता है इसलिए उसका साथ छोड़ दे। हिरण ने कौए की सलाह पर ध्यान नहीं दिया और सियार के साथ खेत में चला गया। हिरण वहाँ लगे जाल में फंस गया। (short stories for kids in hindi)

    सियार उससे कहने लगा “मैं तो किसान को बुलाने जा रहा हूं, वह आएगा और तुम्हें मार डालेगा”। हिरन चिल्लाने लगा, तभी वहां कौआ आया और उसने हिरन से कहा तुम ऐसे लेट जाओ जैसे की तुम मर गए हो। हिरन ने आपने दोस्त की बात मानी और वैसे ही करा। (bedtime stories for kids)

    थोड़ी देर बाद वहाँ किसान आया और उसने देखा कि हिरन तो मर गया, ये देखकर वो बहुत खुश हुआ। किसान ने जल्दी से जाल खोला और जाल खुलते ही हिरन वहाँ से भाग निकला। ये देखकर किसान बहुत गुस्सा हुआ और सियार को खूब मारा और उसे वहाँ से भगा दिया।

    Moral of the story: किसी पर कभी भी आसानी से भरोसा नहीं करना चाहिए।

    5. मूर्ख भालू की कहानी 

    एक जंगल में एक लालची भालू रहता था. वह हर समय ज्यादा की तलाश में रहता था. थोड़े से वह कभी संतुष्ट नहीं होता है. एक दोपहर जब वह सोकर उठा, तो उसे ज़ोरों की भूख लग आई. वह भोजन की तलाश में निकल पड़ा.

    उस दिन मौसम साफ़ था. सुनहरी धूप खिली हुई थी. भालू ने सोचा, “कितना अच्छा मौसम है. इस मौसम में तो मुझे मछली पकड़नी चाहिए. चलो, आज मछली की ही दावत की जाए.”

    ये सोचकर उसने नदी की राह पकड़ ली. नदी किनारे पहुँचकर भालू ने सोचा कि एक बड़ी मछली हाथ लग जाये, तो मज़ा आ जाये. उसने पूरी उम्मीद से नदी में हाथ डाला और एक मछली उसके हाथ आ गई. वह बहुत ख़ुश हुआ. लेकिन, जब उसने हाथ नदी से बाहर निकला, तो देखा कि हाथ लगी मछली छोटी सी है.

    वह बहुत निराश हुआ. अरे इससे मेरा क्या होगा? बड़ी मछली हाथ लगे, तो बात बने. उसने वह छोटी मछली वापस नदी में फ़ेंक दी और फिर से मछली पकड़ने तैयार हो गया. (bedtime stories for kids)

    कुछ देर बाद उसने फिर से नदी में हाथ डाला और उसके हाथ फिर से एक मछली लग गई. लेकिन, वह मछली भी छोटी थी. उसने वह मछली भी यह सोचकर नदी में फेंक दी कि इस छोटी सी मछली से मेरा पेट नहीं भर पायेगा.

    वह बार-बार नदी में हाथ डालकर मछली पकड़ता और हर बार उसके हाथ छोटी मछली लगती. वह बड़ी की आशा में छोटी मछली वापस नदी में फेंक देता. ऐसा करते-करते शाम हो गई और उसके हाथ एक भी बड़ी मछली नहीं लगी.

    भूख के मारे उसका बुरा हाल हो गया. वह सोचने लगा कि बड़ी मछली के लिए मैंने कितनी सारी छोटी मछलियाँ फेंक दी. उतनी छोटी मछलियाँ एक बड़ी मछली के बराबर हो सकती थी और मेरा पेट भर सकता था.

    Moral of the story: आपके पास जो है, उसका महत्व समझें. भले ही वह छोटी सही, लेकिन कुछ न होने से बेहतर है.

    6. बिल्ली के गले में घंटी कहानी

    एक शहर में एक बहुत बड़ा मकान था. उस मकान में चूहों ने डेरा जमा रखा था. जब भी मौका मिलता वे अपने-अपने बिलों से निकलते और कभी खाने की चीज़ों पर अपना हाथ साफ़ करते, तो कभी घर की अन्य चीज़ें कुतर देते. उनका जीवन बड़े मज़े से बीत रहा था.

    इधर मकान मालिक चूहों से तंग आ चुका था. इसलिए वह एक बड़ी सी बिल्ली ले आया. अब वह बिल्ली उसी घर में रहने लगी. बिल्ली के आने से चूहों का जीना हराम हो गया. जो भी चूहा बिल से निकलता, वह उसे चट कर जाती.

    चूहों का बिलों से निकलना मुश्किल हो गया. वे डर के मारे बिल में ही घुसे रहते. बिल्ली उनके लिए एक बहुत बड़ी समस्या बन गई थी.  इसलिए एक दिन चूहों की सभा बुलाई गई.

    सभा में सभी चूहे उपस्थित हुए. लीडर चूहे ने कहा, “साथियों, आप सब जानते ही हैं कि हम लोग बिल्ली हमारे लिए आफत बन गई है. वह रोज़ हमारे किसी न किसी साथी को मारकर खा जाती है. बिलों से निकलना मुश्किल हो गया है. लेकिन हम कब तक बिल में छुपकर रहेंगे. भोजन की खोज में हमें बिल से बाहर निकलना ही होगा. यह सभा इसलिए बुलाई ई है, ताकि इस समस्या को हल किया जा सके. आप एक-एक कर अपने सुझाव दे सकते हैं.”

    एक-एक कर सभी चूहों से इस सुझाव दिए. अंत में एक चूहा उठा और चहकते हुए बोला, “मेरी दिमाग में अभी-अभी एक बहुत ही बढ़िया उपाय आया है. क्यों न हम बिल्ली के गले में एक घंटी बांध दें? बिल्ली जब भी आस-पास होगी, घंटी की आवाज़ से हमें पता चल जायेगा और हम वहाँ से भाग जायेंगे. कहो कैसा लगा उपाय?”  

    सारे चूहों को ये उपाय बहुत पसंद आया. वे ख़ुशी में नाचने और झूमने लगे. (bedtime stories for kids)

    तभी एक बूढ़ा और अनुभवी चूहा खड़ा हुआ और बोला, “मूर्खों, नाचना-गाना बंद करो और ज़रा ये तो बताओ कि बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधेगा?”

    ये सुनना था कि चूहों का नाचना-गाना बंद हो गया. बिल्ली के गले में घंटी बांधना अपनी जान से हाथ धोना था. कोई इसके लिए तैयार नहीं हुआ. सब चुप गए. तभी उन्हें बिल्ली के कदमों की आहट सुनाई पड़ी और फिर क्या था? सब सिर पर पैर रखकर अपने-अपने बिलों की ओर भाग खड़े हुए.

    Moral of the story: योजना बनाने का कोई  लाभ नहीं, यदि उसे लागू न किया जा सके.

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